एक डाॅक्टर का कर्तव्य
एक डाॅक्टर का कर्तव्य
अनुराग को एक मरीज के ओप्रेशन मे रात के २ बज गये थे। अनुराग एक गोल्ड मेडेलिस्ट सर्जन था। उसेसंतोष था कि ओप्रेशन पूर्णतया सफ़ल रहा था।वह कुछ तेजी से अपनी कार में अपने घर की ओर जा रहा था।
अचानक एक लड़की की चीख सुनाई पड़ी और मानो कार के ब्रेक ख़ुद ही दब गए हों।कार चीन की आवाज़ के साथ रुक गयी।
अनुराग सोचने लगा कि सुनसान रास्ता आस पास कोई बस्ती भी नहीं फ़िर क्या उसका वहां रुकना ख़तरा तो नहीं था।परन्तु जब उसने देखा कि खून से लथपथ एक लड़की भागी चली आ रही थी तो उसके कर्तव्य बोध ने उस ख़तरे के अंदेशे पर विजय पाई और तब तक लड़की कार के पास आ गयी थी।वह बोली" भय्या मुझे बचा लो नहीं तो मेरे माता पिता मुझे मार देंगे।
किवाड़ खोल कर अनुराग ने लड़की को सहारा दे कर सीट पर बैठाया मगर वह तो बेहोश हो गयी थी। अनुराग ने देखा सामने ही कुछ दूरी पर एक आदमी और औरत तेज क़दमों से उसी ओर आ रहे थे उन दोनो के साथ में तलवारें थीं।
अनुराग ने तूरन्त कार स्टार्ट की और तेजी से उन आदमी औरत को पीछे छोड़ता हुआ आगे बढ़ गया और नज़दीक की पुलिस पोस्ट पर जा कर रुका।एक उपस्थित पुलिस को बुला उसने अपना आई कार्ड दिखाया और सूक्ष्म में सारी बात उसे बताई। पुलिस व्यक्ति का नाम और फोन नम्बर नोट कर उसने कार अपनी डिस्पैंसरी जा कर रोकी।
लगभग एक घंटे बाद अनुराग के अकथ परिश्रम से वह लड़की होश मे आ गयी और तब पुलिस को बुला कर लड़की ने अपना पता,नाम और पूरी कथा कह सुनाई।
पुलिस ने बयान नोट कर लिया था और अब उस लड़की को जिसका नाम आयशा था कहां पहुंचाया जाये यही प्रश्न था। सुबह होने मे अधिक देर नहीं थी परन्तु अनुराग थक चुका था।उसने एक नर्स को बुलाया और आयशा की देख देख पर उसे छोड़ वह सोने चला गया।
सुबह पुलिस आयशा के माता - पिता को थाने ले आई।वहां ज्ञात हुआ कि आयशा एक हिन्दू लड़के से शादी करने की जिद पर अड़ी थी।
पुलिस ने बताया कि आयशा २४ वर्ष कीहै और शादी जिस से भी वह चाहे करने का पूरा अधिकार है।तथामाता पिता द्वारा जान से मारने की कोशिश के जुर्म में उनको जेल जाना पड़ेगा।
आयशा फ़िलहाल नारी निकेतन मे है और उसके माता पिता जेल मे।
आनन्द कुमार मित्तल, अलीगढ़
अदिति झा
03-Feb-2023 01:42 PM
Nice 👍🏼
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Gunjan Kamal
02-Feb-2023 12:53 PM
शानदार प्रस्तुति 👌
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Varsha_Upadhyay
01-Feb-2023 06:53 PM
Nice 👍🏼
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